अपने चारों तरफ देखने पर हम देखते है बहुत सी टाइप की वस्तु दिखाई देती है जिनकी आकृति बनाबट आकर अलग अलग होता हैं
इस पृथ्वी पर मौजूद जितनी भी वस्तु है सब पदार्थ से मिलकर बनी है पदार्थ तीन टाइप के होते है ठोस,द्रव,गैस जिस हवा मैं हम सांस लेते हैं गैस जो भोजन हम खाते हैं पत्थर,बादल, तारे, पौधे और पशु यहां तक कि पानी की एक बूंद भी पदार्थ से मिलकर बनी हैं ध्यान देने वाली बात है कि इनका कुछ न कुछ द्रव्यमान और आयतन होता है
प्राचीन काल से ही मनुष्य कुछ नई नई खोज करते आ रहे हैं भारत के दर्शनिक कर्ताओं ने पदार्थों को पांच वर्गों में विभाजित किया जिसे पंचतत्व कहा जाता हैं ये पंचतत्व वायु, अग्नि, पृथ्वी, जल, आकाश है इनके अनुसार इन्हीं पांच तत्त्वों से सभी वस्तु बनी है इनके अलावा किसी और से मिलकर नहीं बनी हैं चाहे वो सजीव हो या निर्जीव हो पदार्थ छोटे छोटे कड़ों से मिलकर बना होता है बहुत समय तक पदार्थ की दो विचारधारा प्रचलित थी एक विचारधारा का यह मानना था कि पदार्थ लकड़ी की सतत होते हैं
पदार्थ के कण हमेशा गतिशील होते हैं उनमें गतिज ऊर्जा होती है तापमान बढ़ने से उनकी गतिज ऊर्जा भी बढ़ जाती है
पदार्थ की अवस्थाएं
पदार्थ की अवस्थाएं तीन प्रकार होती ठोस ,द्रव और गैस,
ठोस में सभी धातु पत्थर , द्रवमे पानी धर्म में ईंधन पेट्रोल डीजल आदि आतेहै, गैस में हम कह सकते हैं हाइड्रोजन नइट्रोजन ऑक्सीजन यह सब गैस में आते हैं
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